आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "faiz meer meer taqi meer ebooks"
नज़्म के संबंधित परिणाम "faiz meer meer taqi meer ebooks"
नज़्म
आ गया दिल में तिरे 'मीर-तक़ी-मीर' का सोज़
दे गया दर्द की लज़्ज़त तुझे 'दिल-गीर' का सोज़
हबीब जौनपुरी
नज़्म
यूँ गुमाँ होता है बाज़ू हैं मिरे साथ करोड़
और आफ़ाक़ की हद तक मिरे तन की हद है
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
राजा मेहदी अली ख़ाँ
नज़्म
हबीब जालिब
नज़्म
आ भी जा, ताकि मिरे सज्दों का अरमाँ निकले
आ भी जा, कि तिरे क़दमों पे मिरी जाँ निकले
मख़दूम मुहिउद्दीन
नज़्म
दरिया हैं 'मीर'-ओ-'ग़ालिब' हर लब पे जो रवाँ हैं
'फ़ैज़' ओ 'फ़िराक़' और 'दाग़' हर दिल पे हुक्मराँ हैं
फ़रहत एहसास
नज़्म
मिरी जाँ अब भी अपना हुस्न वापस फेर दे मुझ को
अभी तक दिल में तेरे इश्क़ की क़िंदील रौशन है